अमर शौर्यगाथा
सन साठ हिजरी क़मरी है। कुछ ही दिन पहले अपने पिता मुआविया की मुत्यु के बाद यज़ीद विस्तृत सीमाओं वाले इस्लामी जगत की बागडोर पर क़ब्ज़ा जमा चुका है।
सन साठ हिजरी क़मरी है। कुछ ही दिन पहले अपने पिता मुआविया की मुत्यु के बाद यज़ीद विस्तृत सीमाओं वाले इस्लामी जगत की बागडोर पर क़ब्ज़ा जमा चुका है।