मोमिन की मेराज
- आयतुल्लाह ख़ामेनई के बयान की रौशनी में
नमाज़ और समाज
अल्लाह के नेक बंदों पर सलाम हो। हर मुसलमान चाहे वह ज़मीन के किसी भी हिस्से पर रहता हो उसे चाहिए कि दिन मे पाँच बार अपने हम फ़िक्र अफ़राद को सलाम करे। जैसे कि नमाज़ मे है अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस्सालिहीन।(हम पर सलाम हो और अल्लाह के तमाम नेक बंदों पर सलाम हो।)
और पढ़ें ...
Write comment (0 Comments)
यहाँ पर मालदारों को सलाम करने की तालीम नही दी गयी।
यहाँ पर हाकिमों और ताक़तवरों को सलाम करने की तालीम नही दी गयी।
यहाँ पर रिश्तेदारों को सलाम करने की तालीम नही दी गयी।