तारीख ने था उनको वफा का शहर कहा
हैदर की दुआओ का भी उनको समर कहा
कसीदा बराऐ हज़रते फातेमा मासूमा
गुल फिशा है रहमते परवरदिगार
मूसाऐ काज़िम के घर आई बहार।
कौन आया सर फरीश्तो के झुके
फातिमा की तरह से आली विक़ार।