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लेखकः आयतुल्लाह नासिर मकारिम शीराज़ी

 


हमे हम इस बात को याद रखना चाहिये कि सिवाऐ अइम्मा मासूमीन (अ) सभी इंसान गलती कर सकते हैं और विभिन्न प्रकार की बुराई से दो चार हो सकते हैं?

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