पैगम्बर अकरम (स.) के असहाब के एक मशहूर गिरोह ने इस हदीस को पैगम्बर (स.) नक़्ल किया है।
“ अख़ा रसूलुल्लाहि (स.) बैना असहाबिहि फ़अख़ा बैना अबिबक्र व उमर व फ़ुलानुन व फ़ुलानुन फ़जआ अली (रज़ियाल्लहु अन्हु) फ़क़ाला अख़ीता बैना असहाबिक व लम तुवाख़ बैनी व बैना अहद ? फ़क़ाला रसूलुल्लाहि (स.) अन्ता अख़ी फ़ी अद्दुनिया वल आख़िरति।”
तर्जमा- “पैगम्बर (स.) ने अपने असहाब के बीच भाई का रिश्ता क़ाइम किया अबुबकर को उमर का भाई बनाया और इसी तरह सबको एक दूसरे का भाई बनाया। उसी वक़्त हज़रत अली अलैहिस्सलाम हज़रत की ख़िदमत में तशरीफ़ लाये और अर्ज़ किया कि आपने सबके दरमियान बरादरी का रिश्ता क़ाइम कर दिया लेकिन मुझे किसी का भाई नही बनाया। पैगम्बरे अकरम (स.) ने फ़रमाया आप दुनिया और आख़ेरत में मेरे भाई हैं।”
इसी से मिलता जुलता मज़मून अहले सुन्नत की किताबों में 49 जगहों पर ज़िक्र हुआ है।1]
क्या हज़रत अली अलैहिस्सलाम और पैगम्बरे अकरम (स.) के दरमियान बरादरी का रिश्ता इस बात की दलील नही है कि वह उम्मत में सबसे अफ़ज़लो आला हैं ? क्या अफ़ज़ल के होते हुए मफ़ज़ूल के पास जाना चाहिए ?
* * *
3- निजात का तन्हा ज़रिया
अबुज़र ने खाना-ए-काबा के दर को पकड़ कर कहा कि जो मुझे जानता है, वह जानता है और जो नही जानता वह जान ले कि मैं अबुज़र हूँ, मैंने पैगम्बरे अकरम (स.) से सुना है कि उन्होनें फ़रमाया “ मसलु अहलुबैती फ़ी कुम मसलु सफ़ीनति नूह मन रकबहा नजा व मन तख़ल्लफ़ा अन्हा ग़रक़ा।”
“तुम्हारे दरमियान मेरे अहले बैत की मिसाल किश्ती-ए-नूह जैसी हैं जो इस पर सवार होगा वह निजात पायेगा और जो इससे रूगरदानी करेगा वह हलाक होगा।[2]
जिस दिन तूफ़ाने नूह ने ज़मीन को अपनी गिरफ़्त में लिया था उस दिन नूह अलैहिस्सलाम की किश्ती के अलावा निजात का कोई दूसरा ज़रिया नही था। यहाँ तक कि वह ऊँचा पहाड़ भी जिसकी चौटी पर नूह (अ.) का बेटा बैठा हुआ था निजात न दे सका।
क्या पैगम्बर के फ़रमान के मुताबिक़ उनके बाद अहले बैत अलैहिमुस्सलाम के दामन से वाबस्ता होने के अलावा निजात का कोई दूसरा रास्ता है ?
* *
गिरोहे मआरिफ़ व तहक़ीक़ाते इस्लामी (क़ुम)
रमज़ान उल मुबारक 1422 हिजरी
1अल्लामा अमीने अपनी किताब अलग़दीर की तीसरी जिल्द में इन पचास की पचास हदीसों का ज़िक्र उनके हवालों के साथ किया है।
2मसतदरके हाकिम जिल्द 2/150 हैदराबाद से छपी हुई। इसके अलावा अहले सुन्नत की कम से कम तीस मशहूर किताबों में इस हदीस को नक़्ल किया गया है।
पैगम्बर अकरम (स.) का पैमाने बरादरी
Typography
- Smaller Small Medium Big Bigger
- Default Helvetica Segoe Georgia Times
- Reading Mode
Comments powered by CComment