इमाम रज़ा अ.स. ने मामून की वली अहदी क्युं क़ुबूल की?

इमाम अली रज़ा अ.स.
Typography
  • Smaller Small Medium Big Bigger
  • Default Helvetica Segoe Georgia Times

अगर अब्बासी खि़लाफ़त एक ग़ासिब हुकूमत थी तो आखि़र हमारे आठवें इमाम ने इस हुकूमत में मामून रशीद ख़लिफ़ा की वली अहदी या या उत्तरधिकारिता क्यूं कु़बूल की?

अकसर लोगों के दरमियान सवाल उठता है कि अगर अब्बासी खि़लाफ़त एक ग़ासिब हुकूमत थी तो आखि़र हमारे आठवें इमाम ने इस हुकूमत में मामून रशीद ख़लिफ़ा की वली अहदी या या उत्तरधिकारिता क्यूं कु़बूल की?

 

इस सवाल के जवाब में हम यहां चन्द बातें पेश करतें हैं कि जिनके पढ़ने के बाद हमारे सामने यह बातें इस तरह साफ़ हो जायेगी जैसे हाथ की पांच उंगलियों की गिनती ।

 

जनाब मेहदी पेशवाई अपनी किताब सीमाये पीशवायान में इमाम रज़ा के मामून के उत्तराधिकारी बनने के कारण इस तरह लिखते हैंः

 

1.    इमाम रज़ा ने मामून के उत्तराधिकारी बनने को उस समय कु़बूल किया कि जब देखा कि अगर आप मामून की बात न मानेंगे तो ख़ुद अपनी जान से भी हाथ धो बैठेगें और साथ ही साथ शियों की जान भी ख़तरे में पड़ जायेगी अब इमाम ने अपने उपर लाज़िम समझा कि ख़तरे को ख़ुद और अपने शियों से दूर करे।

 

2.    इमाम रज़ा का उत्तराधिकारी बनाया जाना भी एक तरह से अब्बासियों का यह मानना भी था कि अलवी (शिया) भी हुकूमत में एक बड़ा हिस्सा रखते हैं।

 


3.    उत्तराधिकारीता क़ुबूल करने की दलीलों में से एक यह भी है लोग ख़ानदाने पैग़म्बर को सियासत के मैदान में हाज़िर समझे और यह गुमान न करे कि ख़ानदानें पैग़म्बर सिर्फ़ उलेमा व फ़ोक़हा है और यह लोग सियासत के मैदान में बिल्कुल नहीं है।

शायद इमाम रज़ा ने इब्ने अरफ़ा के सवाल के जवाब में इसी मतलब की तरफ़ इशारा किया है कि जब इब्ने अरफ़ा ने इमाम से पूछा कि ऐ रसूले ख़ुदा के बेटे आप किस कारण से मामून के उत्तराधिकारी बनें?
तो इमाम ने जवाब दियाः उसी कारण से कि जिसने मेरे जद अमीरूल मोमेनीन (अ.स.) को शूरा में दाखि़ल किया था।

 


4.    इमाम ने अपने उत्तराधिकारीता के दिनों में मामून का असली चेहरा तमाम लोगों के सामने बेनक़ाब कर दिया था और उसकी नियत व मक़सद को उन कामों से कि जिन्हें वो अन्जाम दे रहा था, सब के सामने ला कर लोगों के दिलों से हर शक व शुब्हे को निकाल दिया था।

(सीमाये पीशवायान/मेहदी पेशवाई)

Comments powered by CComment