वह वस्त्र जिनका पहनना हराम है

अन्य
Typography
  • Smaller Small Medium Big Bigger
  • Default Helvetica Segoe Georgia Times

मर्दों के लिये शुद्ध रेशम के और ज़रतार (चमकीले तारों वाले) कपड़े पहनने हराम हैं और ऐहतियात इस में हैं कि टोपी और जेब वग़ैरह (यानी वह लिबास जो शर्मगाह छुपाने के लिये इस्तेमाल नही होता) भी रेशमी कपड़े का न हो और ऐहतियात यह चाहती है कि वस्त्र में प्रयोग की जानी वाली चीज़ें जैसे झालर, गोट और कोर, पतली गोट भी शुद्ध रेशम की न हो और बेहतर यह है कि रेशम के साथ जो चीज़ मिली हुई हो वह मिस्ल कतान (एक क़िस्म का कपड़ा) या ऊन या सूत वग़ैरा के हो और उस की मिक़दार कम हो,


यह भी ज़रुरी है कि मुर्दा जानवर की खाल का इस्तेमाल न हो इसी प्रकार उन जानवरों की खाल का भी न होना चाहिये जिन पर तज़किया जारी नही होता जैसो कुत्ता वग़ैरा

और जिन जानवरों का गोश्त हराम है मुनासिब है कि उन की खाल और बाल और ऊन और सींग और दांत वग़ैरह कुल अजज़ा (हिस्से) नमाज़ के वक़्त से इस्तेमाल न हों।

Comments powered by CComment