हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स. से मन्क़ूल है कि जब थोड़ा सा दिन चढ़ जाए तो इस तरह ज़ियारत बजा लाओ।
अस्सलामु अ़ला वलीयिल्लाहि व हबीबिह, अस्सलामु अ़ला ख़लीलिल्लाहि व नजीबिह, अस्सलामु अ़ला सफ़ीयिल्लाहि वब्’न सफ़ीयिह, अस्सलामु अलल हुसैनिल मज़्लूमिश्शहीद, अस्सलामु अ़ला असीरिल कु’रुबाति व क़तीलिल अबरात, अल्लाहुम्’म इन्नी अश्हदु अन्नहू वलीयु’क वब्’नु वलीयिक, व सफ़ीयु’क वब्’नु सफ़ीयिकल फ़ाइज़ु बि’करामतिक, अकरम्तहू बिश्शहादति, व हबौतहू बिस्सआदह, वज्तबैतहू बि’तीबिल विलादह, व जअल्तहू सय्यिदन मिनस्सादति, व क़ाइदन मिनल क़ादह, व ज़ाइदन मिनज़ ज़ादह, व आतैतहू मवारीसल अम्बिया, व जअल्तहू हुज्जतन अ़ला ख़ल्क़ि’क मिनल औसिया फ़’आ’ज़’र फ़िद्’दुआ, व म’न’हन्नुस’ह, व ब’ज़’ल मुह’जतहू फ़ी’क लि’यस्तन्क़ि’ज़ इबाद’क मिनल जहालति, व हैरतिज़्ज़लालह, व क़द तवा’ज़’र अलैहि मन ग़र्रत्हुद दुनिया, व बा’अ हज़्ज़हु बिल’अरज़्लिल अदना, व शरा आख़िरतहू बिस स’मनिल औ’कस, व तग़्’त’र’स व तरद्’द फ़ी हवाहु व अस्’ख़’त’क व अस्’ख़’त नबी’य’क, व अता’अ मिन इबादि’क अहलश शिक़ाक़ि वन्निफ़ाक़, व ह’म’लतल औज़ारिल मुस्तौजिबीननार, फ़’जाहदहुम फ़ी’क साबिरन मुह’तसिबन हत्ता सुफ़ि’क फ़ी ताअति’क दमुहू वस्तुबी’ह हरीमुह, अल्लाहुम्’म फ़ल्अन्हुम लअ़नन व बीला, व अज़्ज़िबहुम अज़ाबन अलीमा, अस्सलामु अ़लै’क यब्’न रसूलिल्लाह, अस्सलामु अ़लै’क यब्’न सय्यिदिल औसिया, अश्हदु अन्न’क अमीनु वब्’नु अमीनिह, इश्’त सईदन, व मज़ौ’त हमीदा, व मुत’त फ़क़ीदन मज़्लूमन शहीदा, व अश्हदु अन्नल्ला’ह मुन्जिज़ुम् मा वअ’द’क, व मुहलिकुन मन ख़’ज़’ल’क, व मुअज़्ज़िबुन मन क़’त’ल’क, व अश्हदु अन्न’क वफ़ै’त बि’अहदिल्लाह, व जाहद’त फ़ी सबीलिही हत्ता अताकल यक़ीन, फ़’लअ़’नल्लाहु मन क़’त’ल’क, व लअ़’नल्लाहु मन ज़’ल’म’क, व लअ़’नल्लाहु उम्मतन समिअ़त बि’ज़ालि’क फ़’रज़ियत बिही, अल्लाहुम्’म इन्नी उश्हिदु’क अन्नी वलीयुन लिमन वालाहु व अदुव्वुन लिमन आदाहु, बि’अबी अन्’त व उम्मी यब्’न रसूलिल्लाह, अश्हदु अन्न’क कुन्’त नूरन फ़िल अस्लाबिश शामिख़ह, वल्अरहामिल मुतह्हरह, लम तुनज्जिसकल जाहिलीयतु बि’अन्जासिहा, व लम तुलबिस्कल मुद्लहिम्मातु मिन सियाबिहा, व अश्हदु अन्न’क मिन दआएमिद् दीन, व अरकानिल मुस्लिमीन, व मअ़्’क़लिल मुअ’मिनीन, व अश्हदु अन्नकल इमामुल बर्रूत तक़ीयुर रज़ीयुज़ ज़कीयुल हादियुल महदी, व अश्हदु अन्नल अइम्म’त मिन वुलदि’क कलिमतुत तक़वा, व आलामुल हुदा, वल उर्वतुल वुस्क़ा, वल्हुज्जतु अला अहलिद् दुनिया, व अश्हदु अन्नी बिकुम मुअ्’मिनुन व बि’ईयाबिकुम मूक़िनुन बि’शराइ दीनी व ख़्वातीमि अ’मली, व क़ल्बी लि’क़ल्बिकुम सिलमुन, व अम्री लि’अम्रिकुम मुत्तबिउन, व नुस्रती लकुम मुअद्दतुन हत्ता याज़नल्लाहु लकुम, फ़’मअ़कुम मअ़कुम ला मअ़ अदुव्विकुम, स’लवातुल्लाहि अलैकुम, व अला अर्वाहिकुम व अज्सादिकुम, व शाहिदिकुम व ग़ाइबिकुम व ज़ाहिरिकुम व बातिनिकुम, आमीन रब्बल आलमीन।
सलाम हो ख़ुदा के वली और उसके हबीब पर। सलाम हो ख़ुदा के दोस्त और उसके मुन्तख़ब कर्दा पर। सलाम हो ख़ुदा के बर्गुज़ीदा और उसके बर्गुज़ीदा के फ़रज़न्द पर। सलाम हो हुसैन अ.स. पर जो शहीदे जु़ल्म व जौर व जफ़ा हैं। सलाम हो उन ज़वाते मुक़द्देसा पर जो रंज व मेहन में असीर व कै़दी हैं और जिनकी शहादत पर आँसू बहाए गए। ख़ुदाया! मैं गवाही देता हूँ कि वह तेरे वली और तेरे वली के फ़रज़न्द तेरे बर्गुज़ीदा और तेरे बर्गुज़ीदा के फ़रज़न्द हैं जो तेरी करामत के सबब कामयाब हुए। जिन्हें शहादत के ज़रिए मुकर्रम किया। उनको ख़ुश बख़्ती नसीब की और उनको पाकीज़ा विलादत के साथ चुन लिया। और उनको सियादत व सरदारी अता की और उनको मख़लूक़ की क़यादत सिपुर्द की। उनको मुजाहिदों में मुजाहिद क़रार दिया और उन्हें अम्बिया की मीरास अता की और उनको अपने औसिया में से अपनी मख़लूक़ात पर हुज्जत क़रार दिया, पस उन्होंने लोगों को तेरी तरफ़ बुलाने में हक़ अदा किया, बेहतरीन ख़ैर ख़्वाही की और तेरी राह में अपनी जान क़ुर्बान की ताकि तेरे बंदों को निजात दिलाएँ जिहालत से, गुमराही की हैरान व परेशानी से, लेकिन जिन लोगों को दुनिया की लालच ने धोके मे रख रखा था उन्होंने आप पर जु़ल्म व सितम किया और अपनी जानें मामूली चीज़ के बदले बेच दीं और अपनी आख़िरत के लिए घाटे का सौदा किया उन्होंने सरकशी की और ख़्वाहिशात के पीछे चल पड़े। तुझे ग़ज़बनाक किया और तेरे नबी को नाराज़ किया और तेरे बंदों में से बद-बख़्त और मुनाफ़िक़ और जहन्नम की तरफ़ गुनाहों का बोझ ले जाने वालों की पैरवी की। पस उन लोगों से उन्होंने (हुसैन अ.स.) ने उनसे तेरी ख़ातिर सब्र और होशमंदी के साथ जंग की यहां तक कि तेरी इताअत व फ़रमांबरदारी में उनका खू़न बहा दिया गया और उनके हरम को लूटा गया। ख़ुदाया लानत कर उन ज़ालिमीन पर शिद्दत के साथ और उन सबको दर्दनाक अज़ाब में मुब्तला फ़रमा। सलाम हो आप पर ऐ फ़रज़न्दे रसूले ख़ुदा। सलाम हो आप पर ऐ सय्यदुल औसिया के फ़़रज़न्द, मैं गवाही देता हूँ कि बेशक आप अल्लाह के अमीन, और उसके अमीन के फ़रज़न्द हैं। आपने कामयाब ज़िन्दगी और लाएक़े तारीफ़ ज़िन्दगी गुज़ारी। वतन से दूर वफ़ात पाई, आप पर जु़ल्म किया गया। आप शहीद किए गए और मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह आपको आपकी वादा वफ़ाई पर बेहतरीन जज़ा देगा और आप पर जुल्म करने वालों को हलाक करेगा और आपके क़ातिलों को अज़ाब देगा। मैं गवाही देता हूँ कि आपने ख़ुदा के अहद को वफ़ा किया और राहे ख़ुदा में जिहाद किया यहां तक कि आप शहीद हो गए। ख़ुदा लानत करे उस पर जिसने आपको क़त्ल किया। ख़ुदा लानत करे उस पर जिसने आप पर जु़ल्म व सितम किया। ख़ुदा लानत करे उस उम्मत पर जिसने आपकी मुसीबतों को सुना और राज़ी रही। खुदाया! मैं तुझे गवाह बना कर अर्ज़ करता हूँ कि मैं उनके दोस्त का दोस्त और उनके दुश्मन का दुश्मन हूँ, मेरे माँ बाप आप पर फिदा हों ऐ फ़रज़न्दे रसूले खुदा, मैं गवाही देता हूँ कि आपका नूर पुश्तहाए बुलन्द मर्तबा और अरहामे ताहिरा में जलवागर रहा। आप को ज़माना-ए-जाहिलियत की किसी क़िस्म की निजासत नेे आलूदा नही किया और न ही उसकी तारीकियों का लिबास आपको ढांक सका, मैं गवाही देता हूँ कि आप दीन के सुतून और अहले इस्लाम के पुश्तपनाह और मोमिनीन के सहारा हैं। मैं गवाही देता हूँ कि आप इमाम, नेक किरदार, मुत्तकी, पसंदीदा, पाकीज़ा, हिदायत करने वाले और हिदायत याफ़्ता हैं और मैं गवाही देता हूँ कि आपकी औलादे ताहिरा के सब इमाम परहेज़गारी के मज़हर, परचमे हिदायत, मज़बूत रस्सी ;यानी अल्लाह तआला से मज़बूत राबिता और अहले दुनिया के लिए अल्लाह की हुज्जत हैं और मैं गवाही देता हूँ कि मैं आप पर और आपकी रजअ़त का यक़ीन रखते हुए अपने तमाम दीन के अहकाम और अपने अंजाम-कार पर मेरा दिल आपके दिल के साथ है। और मेरा अमल आपके फ़रमान का इत्तेबा है, मेरी नुसरत व मदद आपके लिए है। यहां तक कि अल्लाह आपको इज़्ने क़याम दे पस मैं आपके साथ हूँ आपके साथ हूं न कि आपके दुश्मन के साथ। अल्लाह का दुरूद हो आप पर और आपकी पाक अरवाह पर, आपके पाक जिस्मों पर, आपके मौजूद पर, और आपके ग़ायब पर, आपके ज़ाहिर पर और आपके बातिन पर। आमीन रब्बुल आलमीन।
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